मैं बंद खिड़कियों की तरफ़ देखता रहा
मेरे कमरे में मैं नहीं रहता
मेरे कमरे में धुआं रहता है
सिगरेट जिसे सुलगता हुआ कोई छोड़ दे
उस का धुआँ हूँ और परेशाँ धुआँ हूँ मैं
तुम इसका नुक़सान बताती अच्छी लगती हो
वरना हमको शौक़ नहीं है सिगरेट-नोशी का
हम दो बंदे हैं और सिगरेट एक
अब ख़बर होगी दोस्ती की दोस्त
मेरे यारों ने तो सिगरेट को पकड़ा
मेरे हाथों ने कम से कम क़लम थामी
हम दो बंदे हैं और सिगरेट एक
अब ख़बर होगी दोस्ती की दोस्त
मेरे होंटों पे किसी लम्स की ख़्वाहिश है शदीद
ऐसा कुछ कर मुझे सिगरेट को जलाना न पड़े
कमरे में सिगरेटों का धुआँ और तेरी महक
जैसे शदीद धुँध में बाग़ों की सैर हो
एक दिन मेरी कहानी भी धुआँ हो जाएगी
मेरे अंदर कोई लड़की बे-ज़ुबाँ हो जाएगी
Cigarette Shayari 2 Line
और इस लड़के से तुमको कितनी इज़्ज़त चाहिए
उम्र आधी सुलग चुकी है तेरी
अब न पी बुझा दे ये सिगरेट
तुम इसका नुक़सान बताती अच्छी लगती हो
वरना हमको शौक़ नहीं है सिगरेट-नोशी का
सारा ग़ुस्सा अब बस इस काम आता है –
हम इस से सिगरेट सुलगाया करते हैं
सिगरेट की शक्ल में कभी चाय की शक्ल में
इक प्यास है कि जिसको पिये जा रहे हैं हम
नहीं था ध्यान कोई तोड़ते हुए सिगरेट
मैं तुझ को भूल गया छोड़ते हुए सिगरेट
हमारे साँस भी ले कर न बच सके अफ़ज़ल
ये ख़ाक-दान में दम तोड़ते हुए सिगरेट
हमारे खोल के अंदर से मीर निकलेगा