Dard Shayari
झूठ बोलते थे कितना, फिर भी सच्चे थे हम ये उन दिनों की बात है, जब बच्चे थे हम!💔💔
चेहरे “अजनबी” हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन रवैये “अजनबी” हो जाये तो बडी “तकलीफ” देते हैं!😟💔😢
जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है, कमबख्त़ इसमे तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है!💔💔
कौन कहता है की सिर्फ चोट ही दर्द देता है 💔💔असली दर्द मुझे तब होता है जब तू Online आके भी Reply नहीं देती…😟💔😢
बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकीऔर हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं…
तूने फेसले ही फासले बढाने वाले किये थे, वरना कोई नहीं था, तुजसे ज्यादा करीब मेरे…💔💔
फिर नहीं बसते वो दिल जो, एक बार उजड़ जाते है, 💔💔कब्रें जितनी भी सजा लो पर कोई ज़िंदा नहीं होता
प्यार भी हम करें, इन्तजार भी हम, जताये भी हम और रोयें भी हम…😟💔😢
मुझे गरुर था उसकी मोह्ब्बत पर, वो अपनी शोहरत मे हमे भूल गया.💔💔
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम, कभी वो बी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते.😟💔😢
तुमसे बिछड़े तो मालुम हुवा की मौत भी कोई चीज़ हे, ज़िदगी तो वोह थी जो हम तेरी..मेहफिल में गुजार आये।😟💔😢
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ।💔💔
तेरे बिना में ये दुनिया छोड तो दूं, पर उसका दिल कैसे दुखा दुं, जो रोज दरवाजे पर खडी केहती हे बेटा घर जल्दी आ जाना…
कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा, एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता…💔💔
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका इश्क मुकम्मल होता है, हमने तो यहाँ इंसानों को बस बर्बाद होते देखा है।😟💔😢
कुछ कदमों के फासले थे, हम दोनों के दरमीयान, उन्हें जमाने ने रोक़ लिया, और हमने अपने आपको।💔💔
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था, भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती।😟💔😢
नींद तो बचपन में आती थी, अब तो बस थक कर सो जाते है।💔💔
खो जाओ मुझ में तो मालूम हो कि दर्द क्या है? ये वो किस्सा है जो जुबान से बयाँ नही होता।😟💔😢
ये तो ज़मीन की फितरत है की, वो हर चीज़ को मिटा देती हे वरना, तेरी याद में गिरने वाले आंसुओं का, अलग समंदर होता।
है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको.😟💔😢
दिल मेरा कूछ टूटा हुआ सा है, उससे कूछ रुठा हुआ सा है.😟💔😢
मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है, दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है।💔💔
अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का, रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है।
है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको.💔💔
काश वो भी आकर हम से कह दे मैं भी तन्हाँ हूँ, तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए।😟💔😢
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना?
माँ कहती है मेरी दौलत है तू,,, और बेटा किसी और को ज़िन्दगी मान बैठा है.💔💔
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हे कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो।
इश्क मुहब्बत क्या है? मुझे नही मालूम! बस तुम्हारी याद आती है… सीधी सी बात है।😟💔😢
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह… फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना?
“तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था, शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी जिन्दगी.💔💔”
“यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से, मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी हैं.”
“वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का जवाव नहीं, हँसा हँसा कर करता है बर्बाद तू मासूम लोगो को.💔💔”
“रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा, तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे बजूद को तरसेगी.😟💔😢”
“अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का, रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है.💔💔”
“ऐसा करो, बिछड़ना है तो, रूह से निकल जाओ, रही बात दिल की, उसे हम देख लेंगे.”
Dard Bhare Shayari
“फिर नही बसते वो दिल जो एक बार उजड् जाते है, कब्रे जितनी भी सजा लो पर जिँदा कोई नही होता.”
“गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल, ये प्यास किसी की लेने से बुझेगी तेरे बरसने से नहीं.”
“धोखा देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर, हर कांच का टूकड़ा हीरा नहीं होता.💔💔”
“जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दूंगा, पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है.”
“हाथ की नब्ज़ काट बैठा हूँ, शायद तुम दिल से निकल जाओ ख़ून के ज़रिये.💔💔”
“हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं, क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा.”
“तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में, बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता.💔💔”
“” इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..””
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है वो मजदूर, जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है….💔💔
गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी, साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं
मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए….
जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..💔💔
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है वो मजदूर, जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है….💔💔
गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी, साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं
गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी, साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं
मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए….
जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..💔💔
“मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है, मिल जाए तो भी ना मिले तो भी..!!”
“कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!!💔💔”
“टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी !!”
“मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए💔💔”
“कुछ रिशते ऐसे होते हैं.. जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान खुद टूट जाता है।”
“अपनी कमजोरियो का जिक्र कभी न करना जमाने से लोग कटी पतंग को जम कर लुटा करते हैँ॥”
“तरस गए हैं तेरे Muh से कुछ सुनने को हम, Pyaar की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..!!”
ज़िन्दगी भी कमाल की हैं, तू गरीबो को महेल के सपने देखाती हैं, जिस में अमीरो को नींद नहीं आती!
रह में चले ये सोच कर के किसीको अपना बनना लेंगे, मगर इस तम्मना ने ज़िन्दगी भर का मुसाफिर बनना दिया!
ज़िन्दगी तु ही बता कैसे तुजसे प्यार करू, तेरी हर एक सुबह मेरी उम्र काम कर देती हैं!
आइना कोई ऐसा बना दे ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे!
हमे जब नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे के लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए!
तकलीफतो ज़िन्दगी देती हैं, मोतको तो लोगोने यूही बदनाम किया हैं!
जी भर गया है तो बता दो हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं!
में क्यों पुकारू उसे की लौट आओ, क्या उसे खबर नहीं की कुछ नहीं मेरे पास उसके सिवाय!
आइना कोई ऐसा बना दे ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे!
सच केह रहा हैं ये दीवाना, दिल्ना किसीसे लगाना!
सच्ची मोहबत तो अक्सर दिलतोड़ने वालीसेही होती हैं!
अब नींदसे कोई वास्ता नहीं! मेरा कौन हैं, ये सोच सोच के रात गुज़र जाती हैं!
उसने कहा था आँख भरके देखा करो, अब आँख भर आती हैं पर वो नज़र नहीं आती!
इ सितमगर, कदर किया होती हैं तुजे वक़्क़त बताएगा!
कुछ रिशते ऐसे होते हैं..जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान खुद टूट जाता है।
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह, फिर हल्का सा मुस्कराया और कहा, मोहब्बत की थी ना
मेरी दिल की दिवार पर तस्वीर हो तेरी _और तेरे हाथों में हो तकदीर मेरी!
वो शाम का दायरा मिटने नहीं देते, हमसे सुबहे का इंतज़ार होता नहीं है.
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है, नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है!
तुम मुझे अच्छे या बुरे नहीं लगते बस अपने लगते हो.
एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..पर ये कम्ब्खत Dil कभी उनसे रूठा ही नही.
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम Pyaar मांगे… और तुम hme गले लगा के कहो, और कुछ?
2 line Dard Shayari
सुनो ना… हम पर मोहब्बत नही आती तुम्हें, रहम तो आता होगा?
हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर.
किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में, पहले से बेहतर दिखने लगा है.
वो बोलते रहे हम सुनते रहे, जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे.
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो, मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो.
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर, तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर.
मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही पहले तुजे पाने की अब तुजे भुलाने की.