Mirza Ghalib sad shayari , Mirza Ghalib shayari | Hindi status
जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ ग़ालिब ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में। तेरे वादे पर
जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ ग़ालिब ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में। तेरे वादे पर